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बेलापुर में CIDCO लॉटरी पर हंगामा: नवी मुंबई के घर महंगे, जनता नाराज़

Injection Morcha

नवी मुंबई में घर लेने की चाह रखने वाले हजारों लोगों के लिए CIDCO की “माय प्रेफर्ड CIDCO होम” योजना एक बड़ी उम्मीद बनकर सामने आई थी। लेकिन अप्रैल 2025 तक आते-आते यह योजना विवादों और नाराज़गी की वजह बन गई है। CIDCO के दावों के अनुसार यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और निम्न आय वर्ग (LIG) के लिए बनाई गई थी, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही निकली। बेलापुर में CIDCO मुख्यालय के बाहर हुए जबरदस्त विरोध प्रदर्शन ने सरकार और एजेंसी दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

‘इंजेक्शन मोर्चा’ नाम से शुरू हुआ यह आंदोलन तब और तेज हो गया जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नवी मुंबई अध्यक्ष गजानन काले ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिन घरों को गरीबों के लिए बताया जा रहा था, उनकी कीमतें ₹25 लाख से ₹97 लाख तक हैं, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं। आंदोलनकारियों ने इसे “अफोर्डेबल हाउसिंग नहीं बल्कि धोखा” कहा और ‘जेल भरो आंदोलन’ की भी घोषणा की।

CIDCO ने इस विरोध के बाद फरवरी 2025 की लॉटरी में सफल उम्मीदवारों के लिए बुकिंग राशि जमा करने की अंतिम तिथि 28 दिन बढ़ा दी है। यह निर्णय सोशल मीडिया पर CIDCO की ओर से घोषित किया गया था। हालांकि, कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है, जिससे प्रदर्शनकारी संतुष्ट नहीं हैं। एक और गंभीर मुद्दा सामने आया जब विजेताओं ने यह आरोप लगाया कि LIG फ्लैट्स का जो कारपेट एरिया 322 स्क्वायर फीट बताया गया था, वह असल में सिर्फ 291.91 स्क्वायर फीट है। इससे लोगों को यह महसूस हुआ कि उन्हें आधी जानकारी देकर गुमराह किया गया है।

CIDCO ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। लोग सोशल मीडिया पर खुले तौर पर अपनी नाराज़गी जता रहे हैं, और “CIDCO फ्रॉड”, “महंगे सपने”, और “लॉटरी नहीं, लूट” जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे हैं। लोगों का सवाल सीधा है क्या सरकारी योजनाएं अब केवल प्रचार का साधन बन चुकी हैं?

नई लॉटरी की तैयारी, पुराने सवाल अब भी ज़िंदा

CIDCO अब अपने अगले कदम की तैयारी में है। बची हुई यूनिट्स को बेचने और नई यूनिट्स को शामिल कर एक और लॉटरी लाने की योजना बनाई जा रही है, जिसमें लगभग 67,000 घर शामिल हो सकते हैं। कीमतें ₹25 लाख से शुरू होंगी और इस बार नियमों में भी बदलाव की चर्चा है। अब तक की नीति के अनुसार केवल ऐसे लोग ही आवेदन कर सकते थे जो नवी मुंबई में पहले से मकान मालिक न हों, लेकिन इस बार शायद मौजूदा मकान मालिकों को भी मौका दिया जा सकता है ताकि बिकी न हुई यूनिट्स का स्टॉक खत्म हो।

हालांकि, जब पिछली लॉटरी में 26,000 घरों के लिए मात्र 22,000 आवेदन आए और 21,399 लोगों ने ही भुगतान किया, तो यह सवाल उठता है कि नई लॉटरी में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की दिलचस्पी कैसे जगेगी? क्या CIDCO को पहले कीमतों, साइज और पारदर्शिता के मुद्दे हल नहीं करने चाहिए?

इसी बीच अप्रैल 2025 में CIDCO ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 2,200 अवैध निर्माणों को ढहा दिया, जिनमें एक Kharghar का वह बिल्डिंग भी शामिल था जिसमें 90 फ्लैट अवैध तरीके से बेचे गए थे। यह कदम ज़रूर प्रशंसनीय है, लेकिन इसने आम लोगों के मन में डर भी बैठा दिया है — “अगर हमारा घर भी ऐसा निकला तो क्या होगा?”

इसके अलावा, अप्रैल महीने में प्रॉपर्टी ट्रांसफर फीस में 5–10% की बढ़ोतरी भी कर दी गई है, जिससे खरघर, पनवेल, तळोजा जैसे इलाकों में घर खरीदना और मुश्किल हो सकता है। इस कदम से रेसेल मार्केट पर भी असर पड़ेगा, जिससे लॉटरी से घर लेने वाले लोगों को भविष्य में दिक्कत हो सकती है।

अब जबकि CIDCO का 2025-26 का ₹14,130 करोड़ का बजट भी आ चुका है, जिसमें हाउसिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे नवी मुंबई एयरपोर्ट और NAINA को प्राथमिकता दी गई है, लोगों की उम्मीदें और सवाल दोनों बढ़ रहे हैं।

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Image Credit: Free Press Journal

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