दिल्ली के शाहदारा जिले के कैलाश नगर से हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने इंसानियत और नैतिकता दोनों को शर्मसार कर दिया है। 36 वर्षीय नौशाद नामक व्यक्ति को आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता और यौन शोषण जैसे घिनौने आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।
नौशाद एक पशु कल्याण एनजीओ में सप्लायर के रूप में काम करता था। इसी बहाने उसे जानवरों के आसपास रहने का अवसर मिलता था। एनजीओ के कुछ सदस्यों ने उसके व्यवहार में असामान्यता देखी और उसे निगरानी में रखा। चौंकाने वाली हकीकत तब सामने आई, जब एक महिला पशु प्रेमी ने उसे कुत्तों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में रंगे हाथ पकड़ लिया।
इस घृणित घटना का वीडियो भी सामने आया, जो सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गया। वीडियो देखकर लोग हैरान रह गए और आक्रोशित भी। भीड़ ने मौके पर ही नौशाद की पिटाई की और बाद में पुलिस को सौंप दिया।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में लिया और पशु क्रूरता अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि यह पहली बार नहीं था जब नौशाद ने ऐसा किया हो।
इस मामले ने देशभर में पशु अधिकारों और सामाजिक नैतिकता पर बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर लोग नौशाद के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं। कुछ लोग उसकी मानसिक स्थिति पर भी सवाल उठा रहे हैं, लेकिन इस पर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
एनजीओ ने इस घटना के बाद अपने कर्मचारियों की जांच प्रक्रिया को और सख्त करने का फैसला किया है, ताकि भविष्य में ऐसे लोग संगठन का हिस्सा न बन सकें।
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की विकृति नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी है कि पशु कल्याण और नैतिकता को हल्के में लेना अब और संभव नहीं।
क्या हम वाकई एक सभ्य समाज हैं, जहाँ बेजुबानों की सुरक्षा भी खतरे में है?
यह सवाल अब हर संवेदनशील व्यक्ति के ज़ेहन में गूंज रहा है।
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