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लखनऊ के पास काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के चालक ने दिखाई बहादुरी, बड़ी रेल दुर्घटना को समय रहते टाला

लखनऊ, 16 अप्रैल 2025 – उत्तर प्रदेश के लखनऊ के पास काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के चालक की सतर्कता और सूझबूझ ने एक बड़े रेल हादसे को टाल दिया। यह घटना तब घटी जब चालक ने रेलवे ट्रैक पर पत्तियों और कपड़े से ढका हुआ 2.5 फीट लंबा लकड़ी का टुकड़ा देखा। त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ट्रेन को तुरंत रोका और रेलवे कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी।

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह कोई सामान्य रुकावट नहीं थी, बल्कि यह एक सुनियोजित रेल हादसे की साजिश हो सकती थी। रेलवे अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस प्रकार की छिपाने की तकनीक – पत्तियों और कपड़ों से लकड़ी को ढंकना – इस ओर इशारा करती है कि घटना के पीछे कोई गहरी साजिश छिपी हो सकती है।

चालक की सतर्कता से टला बड़ा हादसा

काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 15127/15128) वाराणसी और नई दिल्ली के बीच प्रतिदिन चलने वाली एक प्रमुख ट्रेन है। यह ट्रेन लखनऊ, रायबरेली, मुरादाबाद, गाजियाबाद जैसे कई बड़े स्टेशनों से होकर गुजरती है। चालक की निगाहों ने जैसे ही ट्रैक पर असामान्य वस्तु को देखा, उन्होंने बिना समय गंवाए ट्रेन रोकी और आगे की कार्रवाई शुरू की।

अगर यह ट्रेन लकड़ी के उस टुकड़े से टकरा जाती, तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते थे – न सिर्फ जान-माल का भारी नुकसान होता, बल्कि भारत के रेल इतिहास में एक और दुखद अध्याय जुड़ जाता।

रेलवे सुरक्षा बल और पुलिस ने की जांच शुरू

घटना की सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई। जांच में पाया गया कि लकड़ी का टुकड़ा ट्रैक पर इस प्रकार रखा गया था कि ट्रेन गुजरते समय उसका संतुलन बिगड़ सकता था। अधिकारियों ने इस साजिश को गंभीरता से लेते हुए जांच को तेजी से आगे बढ़ाया है। यदि आवश्यक हुआ तो एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) को भी जांच में शामिल किया जाएगा।

रेलवे अधिकारियों ने इसे हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में हुई रेलवे पटरियों से छेड़छाड़ की घटनाओं की कड़ी से जोड़कर देखा है। यह स्पष्ट संकेत है कि रेलवे को निशाना बनाने की कोशिशें लगातार हो रही हैं।

गरीब रथ एक्सप्रेस हो सकती थी असली टारगेट

सूत्रों की मानें तो गरीब रथ एक्सप्रेस, जो एक किफायती वातानुकूलित ट्रेन है और इसी रूट से होकर गुजरती है, असली निशाना हो सकती थी। हालांकि जांच एजेंसियां हर पहलू से मामले की जांच कर रही हैं, लेकिन यह तथ्य सामने आया है कि जिस समय ट्रैक पर अवरोध रखा गया, उस समय दोनों ट्रेनों के बीच का समय बेहद कम था।

सोशल मीडिया पर चालक की बहादुरी की हो रही सराहना

घटना के बाद सोशल मीडिया पर चालक की बहादुरी की जमकर सराहना की जा रही है। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर यात्रियों और आम लोगों ने उन्हें ‘असली हीरो’ बताया और भारतीय रेलवे से उनके सम्मान की मांग की। कई यूजर्स ने लिखा कि अगर ऐसा कोई व्यक्ति समय पर सतर्क न होता, तो आज हालात बेहद दुखद हो सकते थे।

रेलवे ने किए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने के निर्देश

भारतीय रेलवे ने इस घटना के बाद ट्रैक सुरक्षा और निगरानी को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। अब रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरा, सीसीटीवी और पेट्रोलिंग को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। साथ ही रेलवे कर्मचारियों को किसी भी असामान्य गतिविधि पर तुरंत रिपोर्ट करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

एक रेलवे अधिकारी ने कहा, “हमारे कर्मचारियों की सतर्कता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यदि ग्राउंड लेवल पर निगरानी मजबूत हो, तो किसी भी बड़ी साजिश को रोका जा सकता है।”

जनता से की गई अपील

रेलवे प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि यदि रेलवे ट्रैक या उसके आसपास कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत रेलवे हेल्पलाइन या स्थानीय पुलिस को सूचित करें। आपकी सतर्कता कई जिंदगियों को बचा सकती है।

काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के चालक की सतर्कता से न सिर्फ एक बड़ी दुर्घटना टली, बल्कि यह घटना एक उदाहरण बन गई है कि कैसे जिम्मेदारी और सजगता से किसी भी आपदा को रोका जा सकता है। भारतीय रेलवे इस ‘अनदेखे नायक’ का सम्मान करने की योजना बना रहा है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और भी खुलासे सामने आ सकते हैं।

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