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हीरे की चमक में छिपा अंधेरा: मेहुल चोकसी और पीएनबी घोटाले की अनकही दास्तान

मुंबई, 14 अप्रैल 2025: हीरे की चमक ने सदियों से दुनिया को मोहित किया है, लेकिन जब यही चमक धोखे और लालच की कहानी बन जाए, तो वह देश की आर्थिक नींव को हिला देती है। मेहुल चोकसी, एक ऐसा नाम जो कभी भारत के हीरा व्यापार का पर्याय था, आज 13,850 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का प्रतीक बन चुका है। यह कहानी फर्जीवाड़े, साजिश और सात साल तक चली अंतरराष्ट्रीय भगोड़ेपन की है, जो अब बेल्जियम में चोकसी की कथित गिरफ्तारी के साथ एक नए मोड़ पर पहुंची है। आइए, इस घोटाले की शुरुआत से लेकर आज तक की पूरी यात्रा को करीब से देखें।

एक सुनियोजित धोखे की नींव

पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मुंबई की ब्रैडी हाउस शाखा में 2014 से शुरू हुआ, जहां मेहुल चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी ने बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर एक खतरनाक खेल रचा। चोकसी, जो गीतांजलि जेम्स के मालिक थे, ने फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट (FLCs) का इस्तेमाल करके विदेशी बैंकों से भारी-भरकम कर्ज लिया। ये LoUs आयात-निर्यात के नाम पर जारी किए गए, लेकिन इनके पीछे न कोई ठोस दस्तावेज थे, न ही कोई जमानत।

यह धोखाधड़ी इतनी चतुराई से की गई कि पुराने LoUs का भुगतान नए LoUs से होता रहा, जिससे घोटाला सालों तक पकड़ में नहीं आया। शुरुआत में 280 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की बात सामने आई, लेकिन बाद में यह आंकड़ा 13,850 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गया। यह राशि न केवल पीएनबी, बल्कि पूरे भारतीय बैंकिंग सिस्टम के लिए एक बड़ा झटका थी।

सच्चाई का पर्दाफाश: 2018 की सनसनी

जनवरी 2018 में, पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा में एक नए अधिकारी की नियुक्ति ने इस घोटाले का भंडाफोड़ किया। संदिग्ध लेनदेन को देखकर उन्होंने जांच शुरू की, और 29 जनवरी 2018 को बैंक ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) में मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और उनकी कंपनियों—जैसे गीतांजलि जेम्स, डायमंड्स आर अस, और स्टेलर डायमंड्स—के खिलाफ शिकायत दर्ज की।

जांच से पता चला कि चोकसी और उनके साथियों ने 2014 से 2017 तक सैकड़ों फर्जी LoUs जारी किए। इनका इस्तेमाल विदेशों में पैसा ट्रांसफर करने और कर्ज चुकाने के लिए किया गया। मई 2018 तक, घोटाले की राशि 14,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुकी थी, जिसने भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक वित्तीय हलकों में भी हलचल मचा दी।

देश छोड़कर भागा भगोड़ा

घोटाले के खुलासे से पहले ही मेहुल चोकसी ने अपनी चाल चल दी। 2 जनवरी 2018 को, उन्होंने इलाज का हवाला देकर भारत छोड़ दिया और अमेरिका चले गए। इसके बाद, वह एंटीगुआ और बारबुडा पहुंचे, जहां उन्होंने 2017 में निवेश कार्यक्रम के तहत पहले ही नागरिकता हासिल कर ली थी। यह कदम भारत के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि एंटीगुआ का भारत के साथ कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं था।

चोकसी ने दावा किया कि वह स्वास्थ्य कारणों से भारत नहीं लौट सकते। उन्होंने भारतीय जांच एजेंसियों पर उनकी सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप भी लगाया। इस बीच, उनकी कंपनियों के शेयर धड़ाम से गिरे, और गीतांजलि जेम्स का साम्राज्य चरमराने लगा।

जांच का दौर: संपत्तियां जब्त, वारंट जारी

घोटाले के बाद, CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कड़ा रुख अपनाया। मार्च 2018 में, चोकसी और नीरव मोदी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए। ED ने चोकसी की भारत और विदेश में मौजूद संपत्तियों को जब्त करना शुरू किया, जिसमें मुंबई, दिल्ली, और दुबई की प्रॉपर्टी, बैंक खाते, और हीरे-जवाहरात शामिल थे। दिसंबर 2024 तक, 2,565 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की जा चुकी थीं।

2019 में, चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि, उनकी कानूनी टीम ने इसे बार-बार चुनौती दी, और चोकसी ने कथित ब्लड कैंसर और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देकर भारत लौटने से मना किया।

डोमिनिका ड्रामा: 2021 की रहस्यमयी घटना

मई 2021 में, चोकसी अचानक एंटीगुआ से गायब हो गए। कुछ ही दिनों बाद, वह डोमिनिका में पकड़े गए, जहां उन्हें अवैध प्रवेश के आरोप में हिरासत में लिया गया। भारत ने तुरंत डोमिनिका से प्रत्यर्पण की मांग की, लेकिन चोकसी ने सनसनीखेज दावा किया कि उन्हें एंटीगुआ से अपहरण करके डोमिनिका ले जाया गया। डोमिनिका की अदालत ने उन्हें जमानत दे दी और वापस एंटीगुआ भेज दिया, जिससे भारत के हाथ निराशा लगी।

बेल्जियम में अंतिम अध्याय? 2025 की गिरफ्तारी

2025 की शुरुआत में, चोकसी ने मुंबई की एक अदालत को बताया कि वह बेल्जियम में ब्लड कैंसर का इलाज करा रहे हैं। मार्च 2025 में, उन्हें और उनकी पत्नी प्रीति को बेल्जियम में F-रेजिडेंसी कार्ड मिला। लेकिन 12 अप्रैल 2025 को, एक चौंकाने वाली खबर आई—बेल्जियम पुलिस ने CBI और ED के अनुरोध पर चोकसी को गिरफ्तार कर लिया। यह सात साल की लंबी तलाश का नतीजा था, जिसमें भारतीय एजेंसियों ने कई देशों के साथ मिलकर चोकसी का पता लगाया।

चोकसी के वकील ने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया और कहा कि वे इसके खिलाफ अपील करेंगे। उनका दावा है कि चोकसी की खराब सेहत प्रत्यर्पण के लिए सबसे बड़ा आधार है। दूसरी ओर, भारतीय एजेंसियां बेल्जियम की अदालतों में मजबूत सबूत पेश करने की तैयारी में हैं।

व्हिसलब्लोअर की हिम्मत

इस घोटाले को उजागर करने में व्हिसलब्लोअर हरिप्रसाद एसवी की भूमिका अहम रही। उन्होंने 2016 में ही प्रधानमंत्री कार्यालय को चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी बात को तब गंभीरता से नहीं लिया गया। चोकसी की गिरफ्तारी के बाद, हरिप्रसाद ने इसे बैंक और निवेशकों के लिए जीत बताया, लेकिन चेतावनी दी कि चोकसी की कानूनी ताकत अभी भी चुनौती बनी रहेगी।

घोटाले का असर और भविष्य

पीएनबी घोटाले ने भारतीय बैंकों की कमजोरियों को बेनकाब किया। सरकार ने वसूली के लिए कई कदम उठाए। दिसंबर 2024 में, वित्त मंत्री ने बताया कि चोकसी और अन्य भगोड़ों से 22,280 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त या बेची गईं, जिनमें से 125 करोड़ रुपये पीएनबी को लौटाए गए। फिर भी, पूरी राशि की वसूली और चोकसी का प्रत्यर्पण अभी भी बड़ी चुनौतियां हैं।

यह कहानी न केवल मेहुल चोकसी की है, बल्कि यह भी बताती है कि भारत अपने आर्थिक अपराधियों को जवाबदेह बनाने के लिए कितना दृढ़ है। क्या चोकसी भारत लौटेंगे, या उनकी कानूनी चालें उन्हें एक बार फिर बचा लेंगी? यह सवाल समय ही जवाब देगा।


समयरेखा (Timeline in Hindi)

  • 2014-2017: मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा से फर्जी LoUs के जरिए 13,850 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि हासिल की।
  • 26 जुलाई 2016: व्हिसलब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने पीएमओ को पत्र लिखकर संदिग्ध लेनदेन की चेतावनी दी।
  • नवंबर 2017: चोकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता हासिल की।
  • 2 जनवरी 2018: चोकसी ने इलाज के बहाने भारत छोड़ा और अमेरिका चले गए।
  • 16 जनवरी 2018: 280.7 करोड़ रुपये के फर्जी LoUs जारी किए गए।
  • 29 जनवरी 2018: पीएनबी ने CBI में चोकसी, नीरव मोदी और उनकी कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की।
  • फरवरी 2018: घोटाले का आंकड़ा 13,850 करोड़ रुपये तक पहुंचा। चोकसी को भगोड़ा घोषित किया गया।
  • मार्च 2018: चोकसी और नीरव मोदी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी।
  • मई 2018: घोटाले की राशि 14,000 करोड़ रुपये के पार।
  • नवंबर 2018: ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में अभियोजन शिकायत दर्ज की।
  • मार्च 2019: नीरव मोदी लंदन में गिरफ्तार। चोकसी एंटीगुआ में छिपे रहे।
  • मई 2021: चोकसी एंटीगुआ से गायब, डोमिनिका में अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार। भारत का प्रत्यर्पण प्रयास नाकाम।
  • जून 2021: चोकसी को जमानत पर एंटीगुआ भेजा गया।
  • मार्च 2023: इंटरपोल ने चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस हटाया।
  • दिसंबर 2024: ED ने 2,565 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कीं। 125 करोड़ रुपये पीएनबी को लौटाए गए।
  • फरवरी 2025: चोकसी ने बताया कि वह बेल्जियम में इलाज करा रहे हैं।
  • मार्च 2025: चोकसी और उनकी पत्नी को बेल्जियम में F-रेजिडेंसी कार्ड मिला।
  • 12 अप्रैल 2025: बेल्जियम पुलिस ने चोकसी को कथित तौर पर गिरफ्तार किया।

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