Vox Chronicles

Your Voice, Your News, Your World.

क्या प्रियंका चतुर्वेदी बीजेपी जॉइन करने वाली हैं? बयान से सियासी हलचल तेज

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी एक बार फिर सुर्खियों में हैं — वजह है उनके कुछ हालिया बयान, जिनमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की है। राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल उठने लगा है: क्या चतुर्वेदी का अगला कदम भाजपा में जाने का हो सकता है?

“मोदी एक महान राजनेता हैं”
अक्टूबर 2024 में एक इंटरव्यू के दौरान चतुर्वेदी ने मोदी को “महान राजनेता” बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी युवाओं और महिलाओं से जुड़ने की जबरदस्त क्षमता रखते हैं और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को चुनावी सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि “कुछ क्षेत्रों में उनकी पकड़ कमजोर होती दिख रही है,” खासकर लोकसभा चुनाव 2024 के बाद के नतीजों को लेकर।

सोशल मीडिया पर फिर से तारीफ
अप्रैल 2025 में, X (पूर्व में ट्विटर) पर प्रियंका चतुर्वेदी का एक पोस्ट वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने मोदी को “24×7 कम्युनिकेटर” और “सोशल मीडिया का फर्स्ट मूवर” कहा। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी ने तब डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाया जब पारंपरिक मीडिया उनके खिलाफ था। यह बयान मोदी के संचार कौशल की सराहना के तौर पर देखा जा रहा है, न कि उनकी नीतियों की समर्थन के रूप में।

सिर्फ तारीफ नहीं, आलोचना भी
दिलचस्प बात यह है कि चतुर्वेदी मोदी की आलोचक भी रही हैं — मणिपुर हिंसा से लेकर संसदीय प्रक्रियाओं के हनन तक, उन्होंने कई बार सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। इससे साफ है कि उनकी तारीफ ‘व्यक्तिगत राजनीतिक कौशल’ तक सीमित है, न कि समर्पित समर्थन की दिशा में कोई संकेत।

राजनीति की बिसात या नज़रिया?
प्रियंका चतुर्वेदी के इन बयानों को लेकर राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि ये बयान एक संभावित “पार्टी शिफ्ट” का ट्रेलर हो सकते हैं, खासकर जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। वहीं, उनके करीबी सूत्र और खुद चतुर्वेदी का कहना है कि यह सिर्फ एक ईमानदार राजनीतिक विश्लेषण है, किसी पार्टी लाइन से हटने का इरादा नहीं।

अंदर की बात
भारतीय राजनीति में जब कोई विरोधी नेता प्रधानमंत्री की तारीफ करता है, तो सवाल उठते हैं — और उठाए भी जाने चाहिए। लेकिन तारीफ हमेशा दल-बदल का संकेत नहीं होती, कभी-कभी वह सिर्फ एक चाल भी हो सकती है — सियासी शतरंज की एक चाल।

तो क्या प्रियंका बीजेपी में जाएंगी?
फिलहाल, इसका कोई ठोस संकेत नहीं है। लेकिन राजनीति संभावनाओं का खेल है — और यहां हर बयान अपने आप में एक ‘सिग्नल’ हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *